तिरुपति के लड्डू में किसने और क्यों की मिलावट जाने पूरी कहानी।
सन 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम तो आपको याद ही होगा भारतीय सैनिकों को दिए जाने वाले गए और सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने विद्रोह की ऐसी चिंगारी भड़काई जिसने अंग्रेजी हुकूमत की जड़े दिला दी थी तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम विवाद ने उस विद्रोह की यादें ताजा कर दी है मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट के खुलासे के बाद पूरे देश में घमासान मचा हुआ है मामला करोड़ श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ का है ऐसे में सवाल यह उठता है कि तिरुपति मंदिर के पवित्र प्रसाद में किसने और क्योंकि मिलावट जांच रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है।
तिरुपति के लड्डू में किसने और क्यों की मिलावट जाने पूरी कहानी।
18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के प्रयोग का आरोप लगाया था उन्होंने आंध्र प्रदेश की पूर्ण भारती जगन मोहन रेड्डी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए रेड्डी ने भी पलटवार किया और कहा की नाकामी छुपाने के लिए नायडू भगवान के नाम पर राजनीति कर रहे हैं इसके बाद तो जैसे देश की सियासत में धर्म युद्ध छिड़ गया।तिरुपति के लड्डू में किसने और क्यों की मिलावट जाने पूरी कहानी।
तिरुपति के लड्डू में किसने और क्यों की मिलावट जाने पूरी कहानी।
कैसे हुआ घी में मिलावट का खुलासा तिरुपति बालाजी मंदिर की व्यवस्था टीटीडी यानी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम संभालती है इस साल आंध्र प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद टीटीडी ने मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी के सैंपल लिए थे 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात की एनडीटीवी लैब में भेजे थे जिसकी रिपोर्ट 16 जुलाई को आई थी लेकिन रिपोर्ट का खुलासा इसी हफ्ते हुआ जब चंद्रबाबू नायडू सरकार के 100 दिन पूरे हुए घी की सैंपल रिपोर्ट में क्या निकला था ठीक है सैंपल की जांच रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं वह चौंकाने वाले हैं रिपोर्ट में पता चला है कि लड्डू प्रसादम के लिए इस्तेमाल किया गया घी शुद्ध नहीं था इस घी में जानवरों की चर्बी मछली का तेल पशु वसा और अन्य घटक मिले थे।
कौन करता है प्रसादम के लिए घी की खरीदारी तिरुपति बालाजी मंदिर से करोड़ों भक्तों की आस्था जुड़ी है हर साल 3 करोड़ से ज्यादा भक्त तिरुपति मंदिर आते हैं यहां प्रतिदिन 3.5 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं इन लड्डुओं को तैयार करने में 400 से 500 किलो घी 750 किलो काजू 500 किलो किशमिश और 200 किलो इलायची का प्रयोग किया जाता है टीटीडी ही सारी सामग्री की खरीदारी करता है और लड्डू प्रसादम तैयार करवाता है पिछले साल रोक दी गई थी नंदिनी घी की आपूर्ति पति मंदिर के लड्डू प्रसादम के लिए के एम एफ यानी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन नंदिनी ब्रांड की की आपूर्ति करता था जुलाई 2023 में दाम बढ़ाने की वजह से के एम एफ ने सप्लाई देने से इनकार कर दिया था इसके बाद तत्कालीन जगनमोहन रेड्डी सरकार ने पांच प्राइवेट कंपनियों को घी सप्लाई का ठेका दिया था इन्हीं में से एक और डेयरी कंपनी के घी में मिलावट पाई गई है हालांकि कंपनी ने किसी भी तरह की मिलावट से साफ इनकार किया है भड़का संत समाज केंद्र सरकार ने भी मांगी रिपोर्ट रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है।
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सनातन धर्म रक्षण बोर्ड की मांग उठाई है वहीं कांग्रेस ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है केंद्र सरकार ने इस मामले पर आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है देश भर के संत समाज ने भी नाराजगी जताई है और सनातन बोर्ड बनाने की मांग का समर्थन किया है संतों ने इसे सनातन धर्म के विरुद्ध षडयंत्र बताया है।
तिरुपति के लड्डू में किसने और क्यों की मिलावट जाने पूरी कहानी।
फिर शुरू हुआ श्री वरी लड्डू प्रसादम का वितरण विवाद के बाद तिरुपति बालाजी में लड्डू प्रसादम के वितरण पर रोक लगा दी गई थी अब प्रसाद में लड्डू फिर से मिलने लगा है मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को जानकारी दी है कि श्री वरी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता फिर से बहाल कर दी गई है।
कहां पर लड्डू में मिलावट पाया गया है और क्या मिलाया गया था।
तिरुपति के मंदिर मे प्रसाद वाले लड्डू में मिलावट पाया गया है और इसमें मीट और मछली के तेल के मिलाया गया था।
तिरुपति मंदिर में प्रतिदिन कितने लोग जाते हैं।
तिरुपति मंदिर में प्रतिदिन कम से कम तीन करोड़ लोग जाते हैं।