केशव प्रसाद मौर्य के पद प्रतिष्ठा में 2017 की लड़ाई:
बात है 2017 की मुख्यमंत्री पद चुनाव के नतीजे आने की जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है और चारों तरफ शोर था मुख्यमंत्री कौन बनेगा तब एक नेता जब लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर निकलता है तब उसके हजारों समर्थक आकाश को गुंजायमान कर देते हैं उसके जिंदाबाद के नारों से लेकिन नारों से यह बिल्कुल सिद्ध नहीं हो सकता था की यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा क्योंकि इस कहानी के तीन नायक केशव प्रसाद मौर्य , योगी आदित्यनाथ और मनोज सिन्हा हैं।
ये कहानी उत्तर प्रदेश के सियासत की है जो लखनऊ और दिल्ली के बीच हिचकोले खाती है।
लेकिन जनता क्या चाहती है इसको भी हम लोग जान लेते हैं जिसके लिए हम बात करेंगे दिसंबर 2016 की जब एक सर्वे के अनुसार सबको लगता है कि एक नाम जो मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे था वो था केशव प्रसाद मौर्य का नाम, यह नाम इसलिए भी सबसे महत्वपूर्ण था क्योंकि ये जिस समाज से आते हैं उसका वोट बैंक भी बहुत ज्यादा था और बात जब जाति धर्म कि हो तो वोट एकतरफा जाता है सबको यही लगता था कि केशव प्रसाद मौर्य को ही मुख्यमंत्री बनाया जायेगा लेकिन यह कोई नहीं जानता था की संगठन जो सबसे ऊपर है वो खेला करेगी क्योंकि कुछ लोग इस बात से अनजान थे कि भारतीय जनता पार्टी भी एक विशेष संगठन के माध्यम से सत्ता में बराबर बनी हुई है।
अब बात करेंगे उस दिन की जब फैसला सुनाया जाने वाला था।
Uttar Pradesh Politics ( मा० केशव प्रसाद मौर्य )
सबकी नजर केशव प्रसाद मौर्य पर थी जो एक ओबीसी नेता , हिंदुत्ववादी और फूलपुर की सीट से सांसद सबको लगा की अब यही हैं जो उत्तर प्रदेश का राज भार संभालेंगे क्योंकि टिकट वितरण में इनकी ठीकठाक चली मौर्य का गणित भी साफ था,
लेकिन एक नेता मनोज सिन्हा भी थे जो मुख्यमंत्री की रेस में शामिल थे क्योंकि ये गाजीपुर से सांसद थे और 13 मार्च को उनके ही स्टाफ द्वारा बोला गया था की मनोज सिन्हा जी को पार्टी आला कमान द्वारा संकेत मिला है कि आपका नाम भी हो सकता है उसके बाद मीडिया उनके पीछे दौड़ने लगी और समीकरण बनाने लगी फिर क्या मनोज सिन्हा दिल्ली छोड़कर बनारस पहुंचे काशी विश्वनाथ के दर्शन करने यहां भी मीडिया ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।
सब कुछ सोच और समझ से परे था क्योंकि मनोज सिन्हा जिस जाति से ताल्लुक रखते थे वो जाती यूपी में एक फीसदी भी नहीं था इसलिए अब उनका पत्ता कटना तय था।
अब फिर से सबकी नजर केशव प्रसाद मौर्य पर टिकी हुई थी और 17 मार्च को निर्देश मिला लखनऊ पहुंचने का 18 मार्च की सुबह वो एयरपोर्ट पर मौजूद थे और उसके साथ संगठन के और पार्टी के उच्च पद के नेता भी थे उसी समय उन्हें एयरपोर्ट पर योगी आदित्यनाथ भी मिल गए वो भी लखनऊ जा रहे थे मगर चार्टेड प्लेन से फिर सब साथ में लखनऊ के लिए निकले और जब लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचे तो हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ नारे लगा रही थी ..
पूरा यूपी डोल रहा है.. केशव केशव बोल रहा है और केशव प्रसाद मौर्य के आत्मविश्वास और बढ़ गया लेकिन इसी बीच योगी ने वहां अधिक समय न लगाते हुए वीआईपी गेस्ट हाउस के लिए रवाना हो गए।
Uttar Pradesh Politics
18 मार्च के शाम को जब पार्टी के बड़े नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक हुई और आखिरी में योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव पेश कर दिया और चारों तरफ शोर मच गया क्योंकि सबको लगा था केशव प्रसाद मौर्य ही यूपी के मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन यहां नजारा बदल चुका था।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अमित शाह ने बयान दिया कि मैं पहले ही निर्णय ले चुका था कि 250 से ज्यादा सीटें जीतेंगे तो सीएम योगी आदित्यनाथ ही होंगे।
2022 में पुनः चुनाव हुआ और बीजेपी ने फिर से जीत हासिल की और पुनः
केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनाया गया और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री लेकिन केशव प्रसाद मौर्य के पार्टी और संगठन के प्रति बलिदान और सेवा को कभी भुलाया नही जा सकता इसलिए अब 2024 में कुछ खेल होना बाकी है आइए बात करते हैं।
2024 की राजनीति में केशव प्रसाद मौर्य का खेल क्या केशव अब बिगड़ देंगे योगी का सियासी बजट…
वर्तमान समय में केशव प्रसाद मौर्य अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि संगठन सरकार से बड़ा होता है।
उनके इसी बयान की वजह से यूपी में सियासी राजनीति हलचल जोरों पर है सबको यही लगता है यूपी में कुछ तो बड़ा होने वाला है क्योंकि इस बयान के बाद केशव प्रसाद मौर्य और योगी की आपस में मुलाकात नहीं हुई है और योगी के द्वारा बुलाई गई उच्च पदाधिकारियों की बैठक में भी केशव और ओम प्रकाश राजभर समेत कई नेता नहीं पहुंचे।
सवाल अब खड़ा होता है कि संगठन और सरकार का क्या निर्णय होगा..
आप लोग अपनी राय कमेंट में जरूर करें
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कौन हैं?
मा० योगी आदित्यनाथ
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री कौन हैं?
मा० केशव प्रसाद मौर्य